अब दोष किसे दें—किस्मत को, Uncategorized, सिस्टम की लापरवाही, सिस्टम को या खुद की बेबसी को?
पहुंच चाहे जितनी भी ऊंची हो, प्रशासन के न्याय से ऊंची नहीं हो सकती! दिव्यांग बालिकाओं को ठुकराने वाली नामी संस्थाएं आयेंगी कटघरे में, डीएम सविन बंसल का सख्त संदेश – सेवा के नाम पर व्यापार नहीं!