त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना ने पकड़ी रफ्तार आज सैंज गांव में  प्रशासन बैठक

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By Pahadi Darpan

          त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना कार्य की बैठक लेते उप जिलाधिकारी चकराता योगेश मेहरा

  • गोविन्द शर्मा,(Journalist)
      • चकराता विकासखंड के अंतर्गत प्रस्तावित त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना 72 मेगा वाट) के निर्माण के कार्यदायी संस्था और जिला प्रशासन अधिकारियों व स्थानीय ग्रामीणों की प्रथम लोक सुनवाई में शिक्षा और रोजगार के मुद्दे छाए रहे।
      शनिवार को त्यूणी के सैंज गांव में एसडीएम चकराता योगेश सिंह मेहरा की अध्यक्षता में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। जलविद्युत परियोजना से प्रभावित होने वाले सैंज के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने परियोजना अधिकारियों के मुआवजा समेत रोजगार देने की बात कही। ग्रामीणों ने बताया कि बंदोबस्त के दौरान राजस्व अभिलेखों मे भूमिधरों के जमीन मे कुछ त्रुटी रह गई उसे जिला अधिकारी स्तर से ठीक करने को कहा ग्रामीणों ने प्रशासन ओर निगम अधिकारियों से परियोजना मे स्थानीय लोगों को रोजगार देने की ओर प्रभावित परिवारों को उचित राशि देने की मांग रखी , उप जिलाधिकारी चकराता त्यूणी योगेश सिंह मेहरा ने कहा परियोजना क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बहुत ही सकारात्मक पहल की सामूदायिक भवन स्कूल की बात रखी जो क्षेत्र हित मे है। उन्होंने कहा सभी बिंदुओं पर लगभग सहमति हो गई। त्यूणी प्लासू परियोजना के जीएम इंद्र मोहनसिंह ने कहा ग्रामीणों का पूर्ण सहयोग मिल रहा परियोजना का शीध्र प्रारम्भ होगा , बैठक में ग्रामीणों ने एसडीएम के समक्ष 4 मांगो पर जोर दिया, त्यूणी-पलासू जल विद्युत परियोजना संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून चमन सिंह ने जिला प्रशासन उप जिला अधिकार और निगम के आधिकारिक के सामने सर्वप्रथम प्रभावित लोगों सहित स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर जोर दिया , इसके साथ उन्होंने त्यूणी में बेहतर शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए एक मॉडल और डिजिटल हाई स्कूल भवन का निर्माण करने की मांग भी रखें , जिसमें स्थानीय लोगों को अच्छी शिक्षा मिल सके, जिसमें उप जिलाधिकार त्यूणी चकराता योगेश सिंह मेहरा ने एक महत्वपूर्ण और क्षेत्र हित में अच्छी पहल है, स्थानीय लोगों की इस पहल की उन्होंने सहराना की,इसके साथ ही त्यूनी फ्लासू जल विद्युत परियोजना समिति के अध्यक्ष चमन सिंह ने कहां जिन ग्रामीण लोगों की जमीन जल विद्युत परियोजना में प्रभावित हो रही है उन्हें सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाए, क्योंकि यह जनजाति क्षेत्र घोषित है, ।लोक सुनवाई मे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह निगम के अधिशासी अभियंता गिरीशचंद्र जोशी नायब तहसीलदार गंगा पेटवाल सहायक अभियंता हंस राज सैनी सहायक अभियंता मदन मोहन जगोडी जेई कपिल देव नौटियाल जेई सुरज ठाकुर भरत सिंह, रतन सिंह  मनीष , कमल चौहान, शूरवीर सिंह राजेंद्र सिंह रमेश चौहान जगजीत सिंह चन्दन सिंह मनोजसिंह दिनेश तिलक सिंह कृपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

  मांगे
1.त्यूणी में बेहतर शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए एक मॉडल और डिजिटल हाई स्कूल भवन का निर्माण किया जाए,
2. भूमि प्रभावित लोगों को उन्हें सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाए, क्योंकि यह जनजाति क्षेत्र घोषित है, ।
3. जल विद्युत परियोजना में प्रभावित लोगों सहित स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए,
4.बंदोबस्त के दौरान राजस्व अभिलेखों मे भूमिधरों के जमीन मे कुछ त्रुटी रह गई उसे जिलाधिकारी स्तर से ठीक किया जाय,

राज्य गठन के बाद तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने पहाड़ के विकास की आधारशिला रखी। सरकार ने वर्ष 2006 में देहरादून व उत्तरकाशी दोनों जिले के सीमावर्ती इलाकों के विकास को टोंस नदी पर प्रस्तावित 90 मेगावाट क्षमता की हनोल-त्यूणी जल विद्युत परियोजना व 72 मेगावाट क्षमता की त्यूणी-प्लासू और पावर नदी पर प्रस्तावित 72 मेगावाट क्षमता की आराकोट-त्यूणी समेत तीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को मंजूरी दी थी। जिसमें त्यूणी-हनोल परियोजना के निर्माण का जिम्मा निजी कंपनी सन फ्लैग आइरन एंड स्टील को सौंपा गया। सरकार से अनुबंध के तहत कंपनी को परियोजना के निर्माण पर ढ़ाई सौ करोड़ का निवेश करना था। जबकि टोंस और पावर नदी पर प्रस्तावित दो अन्य जल विद्युत परियोजनाएं त्यूणी-प्लासू व आराकोट-त्यूणी के निर्माण कार्य का जिम्मा जल विद्युत निगम के पास है