गोविंद शर्मा (पत्रकार ) त्यूणी
देहरादून, 29 अप्रैल 2025 –आम जनमानस की समस्याओं को गंभीरता से सुनने और त्वरित समाधान देने में उत्तराखंड के जिलाधिकारी सविन बंसल एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं। जनता से प्रतिदिन सीधे संवाद स्थापित कर रहे डीएम की संवेदनशीलता और निर्णायक कार्यशैली एक बार फिर सामने आई, जब सोमवार को जनसुनवाई के दौरान एक विधवा महिला शांति देवी अपने 14 वर्षीय बेटे कृष्णा के साथ उनसे मिलने पहुंची।शांति देवी ने जिलाधिकारी को बताया कि उनका बेटा कृष्णा बहुत कम सुनता है, जिसके कारण उसे स्कूल में दाखिला नहीं मिल रहा है और डॉक्टरों ने उसके कान का ऑपरेशन सुझाया है, जिसकी लागत वहन करना उनके लिए असंभव है। शांति देवी खुद घरों में काम कर अपने बच्चे का पालन-पोषण करती हैं।जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कई निर्देश जारी किए।मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए कि कृष्णा का निकटवर्ती सरकारी स्कूल में तत्काल दाखिला सुनिश्चित कराया जाए और दो दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।समाज कल्याण विभाग को कृष्णा को शीघ्र हेयरिंग मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।मुख्य चिकित्साधिकारी को आदेशित किया गया कि बच्चे का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत एनएचएम से कराएं।वहीं, जिला प्रोबेशन अधिकारी को कृष्णा की किताबें और स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्हें अगले ही दिन तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।जिलाधिकारी की इस त्वरित एवं मानवीय पहल ने एक असहाय मां को राहत की किरण दिखाई है और यह साबित कर दिया है कि जनसेवा केवल नीतियों से नहीं, संवेदनशीलता और समर्पण से होती है।देहरादून प्रशासन की यह कार्यशैली मुख्यमंत्री के “सशक्त उत्तराखंड” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।