क्या राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी को मिलेगा बीकॉम और बायोलॉजी विषय का अधिकार? या फिर 40 साल का और इंतजार?

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By Pahadi Darpan

गोविंद शर्मा (पत्रकार ) 
क्या राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी को मिलेगा बीकॉम और बायोलॉजी विषय का अधिकार? या फिर 40 साल का और इंतजार?

1. सबसे अधिक छात्र संख्या, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की कमी:
चकराता विधानसभा का राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी सबसे अधिक छात्र संख्या वाला कॉलेज है। लेकिन यह अब भी बुनियादी सुविधाओं और प्रमुख विषयों जैसे बीकॉम और बायोलॉजी की स्वीकृति से वंचित है।

40 साल का इंतजार और अभी भी अधूरी मांग ,

कॉलेज को स्थापित हुए चार दशक हो चुके हैं, लेकिन वाणिज्य और जीवविज्ञान जैसे प्रमुख विषयों की स्वीकृति अभी तक नहीं मिल पाई है। वाणिज्य विषय में रुचि रखने वाले छात्रों को या तो दूसरे शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है, या मजबूरी में अन्य विषयों का चयन करना होता है। ऐसे में कई छात्रों का शैक्षिक भविष्य प्रभावित हो रहा है।

2. छात्र पलायन और मजबूरी:
वाणिज्य और बायोलॉजी विषय की अनुपलब्धता के कारण छात्रों को पढ़ाई के लिए अन्य क्षेत्रों में पलायन करना पड़ता है। गरीब अभिभावक बच्चों को बाहर पढ़ाने में असमर्थ हैं, जिससे बच्चे या तो मजबूरी में मैथ्स या आर्ट्स का चयन करते हैं, या पढ़ाई में रुचि खो देते हैं।

3. बायोलॉजी विषय की जरूरत:
चकराता के विधायक प्रीतम सिंह द्वारा नेवल में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण कराया गया है। यहां नर्सिंग कॉलेज शुरू होने की बात है, लेकिन बायोलॉजी विषय की अनुपस्थिति से स्थानीय छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

4. बीकॉम विषय की स्वीकृति का संघर्ष:
छात्र नेताओं ने वर्षों से बीकॉम विषय के लिए ज्ञापन दिए।

फाइलें जिलाधिकारी कार्यालय, शिक्षा विभाग और निदेशालय देहरादून तक घूमती हैं।, लेकिन आखिरकार यह फाइलें कहां गायब हो जाती हैं, इसका कोई जवाब नहीं देता।

5. क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की राय:

क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम पंवार का कहना:
त्यूणी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों का मुख्य केंद्र है। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज में इन सभी क्षेत्रों के छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं।”यह दु:ख की बात है कि इतने सालों से बीकॉम और बायोलॉजी विषय की स्वीकृति नहीं मिली। हम जल्द ही अभिभावकों के साथ बैठक कर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।”

पंडित शिवराम राजकीय महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष प्रमेश रावत का कहना:
“मेरे द्वारा 2019 से लगातार ज्ञापन दिए गए हैं, लेकिन अधिकारियों और सरकार की उदासीनता के कारण कोई प्रगति नहीं हुई।
कॉमर्स विषय हमारे महाविद्यालय में स्वीकृत है, लेकिन इंटर कॉलेज में कॉमर्स विषय न होने के कारण छात्र यहां दाखिला नहीं ले पाते। इससे कॉमर्स विभाग बंद होने की कगार पर है। हम जल्द ही छात्रों के साथ बड़ा आंदोलन करेंगे।”

 

महानिदेशक झरना कमठान पर भरोसा

युवाओं का मानना है कि शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान इस समस्या का समाधान निकालने में मदद करेंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि शासन को फाइल फिर से भेजी जा रही है और स्वीकृति मिलते ही दोनों विषयों की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी।

क्या होगा आगे?

इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र में अब असंतोष बढ़ता जा रहा है। छात्रों और अभिभावकों की यह मांग कब पूरी होगी, यह तो समय बताएगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि क्षेत्र के शैक्षिक विकास के लिए बीकॉम और बायोलॉजी विषय की स्वीकृति अत्यावश्यक है।

फिलहाल, अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी के भविष्य की कहानी अधूरी है, लेकिन उम्मीदें जिंदा हैं