
गोविंद शर्मा (त्यूणी )
- तहसील त्यूणी गांव रगवाड 4 जून की सुबह 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का शव पेड़ के नीचे मिला। घटना उस समय की हैं जब पुरा क्षेत्र जखोली मेला की खुशी में डूबा हुआ था, लेकिन इसी दिन रगवाड गांव में रहेने वाली 14 वर्षीय राधिका की मौत की खरब सामने आने से गांव के लोगों में भूचाल मचा हुआ है. जिस राधिका की बात हम कर रहे हैं, ये वही राधिका है जो जान जोखिम में डालकर कड़कती धूप में रविवार 27 जून 2021 को खेड़ा बौराड के जंगलों में लगी भीषण आग अकेले ही बुझाने में कामयाब हुई थी, जिसके लिए राधिका को पुरस्कृत किया गया था, ऐसे में राधिका का अचानक शव मिलना एक रहस्य बना हुआ हैं ,4 जून को नाबालिग लड़की राधिका का शव मिलने के बाद से जहां क्षेत्र में भूचाल मचा हुआ है. टोंस नदी की किराने से पुलिस ने 04 जून को राधिका का शव बरामद किया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है. एक तरफ पुलिस इसे पीएम रिपोर्ट के अनुसार आत्महत्या का मामला बता रही है तो वहीं राधिका के पिता और परिजन इसे मर्डर बता रहे हैं. रघुवाड़ इलाके के टोंस नदी के किनारे राधिका का शव मिलने के बाद पीएम रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस इस घटना को आत्महत्या मानकर भले ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच चुकी हो, लेकिन इस घटना का रहस्य अब भी लोगों के बीच बरकरार है। कई लोगों के लिए पुलिस की इस थ्योरी पर शायद विश्वास कर पाना मुश्किल हो रहा 0है कि राधिका जैसे होनहार विद्यार्थी आत्महत्या कर सकती है,
राधिका के पिता बताते हैं, राधिका के पिता जगत सिंह ने थाना त्यूणी में तहरीर दी है जिसमें उन्होंने बताया हैं अगर पीएम रिपोर्ट के अनुसार मेरी बेटी राधिका ने आत्महत्या की है, तो उससे ऐसा कदम उठाने के लिए किसने प्रताड़ित किया, राधिका के पिता प्रशासन से इस मामले की बारीकी से जांच कर दोषियों के खिलाफ़ कड़ी करवाई की मांग कर रहे हैं, साथ ही राधिका के पिता का मानना है की जिस स्थान पर राधिका का शव मिला हैं, वहा पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पता चल पाए ही की राधिका ने यही पर आत्महत्या की हो उनको मानना है की राधिका का शव वहा पहुंचाया गया है, जिसे एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है,

पुलिस की अबतक की कार्रवाई: थाना त्यूणी पुलिस ने राधिका की मम्मी रीना देवी, समेत 4 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, इसके साथ ही पीएम रिपोर्ट को भी अच्छे से खंगाला जा रहा है, थाना अध्यक्ष आशीष रवियान ने बताया राधिका के पीएम रिपोर्ट के अनुसार इसे आत्महत्या होना पाया हैं , लेकिन राधिका के पिता जगत सिंह के द्वारा तहरीर के अनुसार परिजनों सही अन्य कुछ लोगों की फोन कॉल डिटेल और तीन चार जून की फोन लोकेशन निकाली जा रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी करवाई की जाएगी, पुलिस द्वारा जल्द ही और कुछ लोगों के बयान दर्ज किए जायेंगे,

कहते हैं पुरोला विधायक ? पूरोला विधायक दुर्गेशश्वर लाल ने बताया इस संबंध में शनिवार को देहरादून के एसएसपी से मुलाकात कर बेटी राधिका को इंसाफ दिलाने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की जायेगी, साथ ही उन्होंने दोषी जो भी उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलने चाहिए, मैं इस दुःख में परिजनों के साथ खड़ा हूं, राधिका को न्याय दिलाने के लिए अगर प्रदर्शन भी करना पड़े उसके लिए भी मैं तैयार हूं,
राधिका के जीवन की कहानी कुछ इस तरह थी, राधिका के सपनों की कहानी उसकी नानी की जुबानीजी हां कुछ यूं सपना बुना था 10वीं में पढ़ने वाली होनहार नाबालिक छात्रा राधिका ने।जिस होनहार छात्रा का सपना पुलिस सेवा में जा कर जनता की सेवा व निष्पक्ष न्याय करना था । जिसे पेड़ और पर्यावरण से गहरा लगाव था। जो जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए जोखिम लेकर दौड़ पड़ती थी। जिसे जंगल की आग बुझाने के लिए पुरस्कृत किया गया हो,।जिसे पेड़ भेड़ से प्यार था जो पढ़ाई में अब्बल होशियार,खेल में निपुण थी । आखिर किसने उसकी जिन्दगी के साथ ऐसा खेल खेला कि उसे जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा और उसे हमेशा के लिए असमय अल्प आयु में लम्बी यात्रा पर भेज दिया गया।आखिर उसका कसूर क्या था? जिसकी मौत पर बकरियां भी गमगीन हो और बकरियों के बच्चें तक उसकी लाश के ऊपर लेट कर चिल्ला कर मातम मानाते प्रत्यक्ष तौर पर घटना स्थल पर मौजूद लोगों द्वारा देखा गया हो और कुछ बकरियां घर जा कर उसके साथ घटित घटना उसकी सूचना देती हो। जिसके गम ने बकरियों के मेमनों ने चारा खाना छोड़ दिया हो। विड़म्बना देखिए पुलिस बन कर पीड़ितों के साथ निष्पक्ष न्याय का सपना संजोने वाली छात्रा राधिका की नानी केवला देवी आज नाबालिक बालिका साथ हुई अनहोनी घटना की पुलिस से निष्पक्ष जांच की गुहार लगा रही है।बालिका की मौत पर संवेदनशील मानव का मौन साधना क्या उचित है?और घटना देखकर भी उसके न्याय की लड़ाई से कन्नी काटना कितना सही है?नाबालिक होनहार छात्रा राधिका की मौत का रहस्य बरकरार है। बहरहाल पुलिस जांच में जुटी है। पड़ोसी घर पर आग लगती देख तमाशा लगाना कितना उचित है? कहीं अपराध की ये आग बस्ती को खाक न कर दे ?
राधिका की मां रीना के दूसरी शादी करने पर राधिका बचपन से ही अपनी नानी के घर रघुवाड़ में रहती थी उसका लालन पालन और शिक्षा दीक्षा उसकी दादी की देखरेख में होती है । वह पढ़ाई के साथ ही बकरियां चराने का काम किया करती थी। राधिका के पिता जगत सिंह मोरी नानई के रहने वाले है। जो राधिका से मिलने कभी कभी आया करते थे। कुछ माह पहले उसके लिए फोन भी खरीद कर दिया था।
बतातें चलें
4जून को बकरी चराने के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है। एक पेड़ के नीचे मिलता है बालिका का शव, गले में मिलते है गहरे घाव,पेडः पर लटका मिलता है उसका कुर्ता, खुदखुशी कर मौत को गले लगा कर दिखाने की होती है कोशिश लेकिन घटना स्थल पर मौजूद परिस्थियां नहीं देती है आत्म हत्या की गवाही।पुलिस प्रथम दृष्टया बताती है आत्म हत्या का मामला परिजन जताते है हत्या की आशंका। मृतक राधिका के पिता जगत सिंह की तहरीर पर जांच शुरू।
अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी जल्दी राधिका की मौत के रहस्य से पर्दा उठा कर अपनी निष्पक्ष कार्य प्रणाली का परिचय देती है या किसी दबाव में आ कर मामले को हमेशा के लिए दफन कर देती है।